होम / मैत्री की शिक्षा संभव, इसका विस्‍तार करना असली चुनौती
‘बाल अधिकार मीडिया अवार्ड’ कार्यक्रम में ‘मैत्री की शिक्षा’ विषय पर व्याख्यान
शिक्षाविद अमन मदान

प्रख्यात शिक्षाविद अमन मदान ने विकास संवाद द्वारा आयोजित ‘बाल अधिकार मीडिया अवार्ड’ कार्यक्रम में ‘मैत्री की शिक्षा’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्‍होंने कहा, “दूसरों के साथ प्रेमपूर्वक रहने पर ही मानव समाज का विकास टिका है। मनुष्य में प्रेम और क्रोध दोनों भावों को पालने की क्षमता है। हम चिंतन करें तो इस निर्णय पर पहुंचेंगे कि हमारे लिए मैत्री ही बेहतर है। मैत्री की शिक्षा संभव है लेकिन वास्तविक चुनौती इसकी शिक्षा की नहीं इसके विस्तार की है क्योंकि हमारा देश, समाज, संविधान और सारा विश्व मैत्री के मूल्य से ही संचालित हो सकता है।”

उन्होंने डॉक्टर बीआर अम्बेडकर के हवाले से कहा कि उनका स्पष्ट मत था कि हमारा संविधान, न्याय, स्वतंत्रता और तमाम संवैधानिक मूल्य मैत्री पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि पहले मैत्री धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत थी। फ्रांस ने सबसे पहले उसे संविधान में डाला यानी शासन पद्धति का हिस्सा बनाया। प्रोफेसर मदान के पूरे व्‍याख्‍यान को सुनना मैत्री और उसकी शिक्षा के विविध आयामों से रूबरू होना है।

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