आप संवैधानिक मूल्यों से क्या समझते हैं? क्या इन मूल्यों को जानने के लिए किसी शोध की आवश्यकता है? इस प्रश्न का उत्तर होगा, नहीं। हम संवैधानिक मूल्यों को अपनी भाषा में, अपनी तरह से जानेंगे और समझेंगे तो उन्हें अधिक आत्मसात कर पाएंग। जैसे, न्याय का हमारे लिए क्या अर्थ है? क्या हम अपने लिए न्याय मांगें तो सही और दूसरे अपने लिए न्याय की उम्मीद करें तो अनुचित है?
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संविधान और हम-1 भारतीय संविधान: ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ
भारतीय संविधान को जानने,मानने और अपनाने के लिए ‘संविधान संवाद’ की पहल ‘संविधान और हम’ वीडियो शृंखला की आठ कड़ियों में हम प्रस्तुत कर रहे हैं संविधान निर्माण की प्रक्रिया से लेकर महत्वपूर्ण प्रावधानों और उसमें हुए संशोधनों का लेखा जोखा।
मैत्री की शिक्षा संभव, इसका विस्तार करना असली चुनौती
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भारत में सामाजिक नागरिक पहल का सफरनामा
भारत में सामाजिक नागरिक पहल न केवल हमारे समाज के विकास और व्यवस्था निर्माण में महत्वपूर्ण…
मेंढा लेखा का सच: ग्राम स्वराज की कहानी देवाजी की जुबानी
विकास संवाद द्वारा आयोजित 17वें नेशनल कान्क्लेव में महाराष्ट्र के मेंढा लेखा गांव के देवाजी टोफा का व्याख्यान। इस व्याख्यान में उन्होंने दिलचस्प अंदाज में बताया है कि कैसे अपने गांव में ग्राम स्वराज का सपना साकार किया।
संविधान संवाद व्याख्यान 2022: समाज संस्कार और संविधान
संविधान संवाद व्याख्यानमाला 2022: प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल का संबोधन विकास संवाद द्वारा आयोजित प्रथम’संविधान संवाद व्याख्यान…
कथानक निर्माण के दौर में एआई और मनुष्यता पर संकट
विकास संवाद द्वारा आयोजित 17 वें नेशनल कान्क्लेव में चर्चित लेखक और न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अजय सोडानी ने ‘कथानक निर्माण के दौर में मनुष्यता: एचआई बनाम एआई’ विषय पर संवाद किया। मनुष्यता पर मंडरा रहे आधुनिक संकट को समझने के लिए यह व्याख्यान बेहद महत्वपूर्ण कड़ी है।