होम / मूल्‍ययुक्‍त समाज: आपके लिए क्‍या है न्‍याय का अर्थ?

आप संवैधानिक मूल्‍यों से क्‍या समझते हैं? क्‍या इन मूल्‍यों को जानने के लिए किसी शोध की आवश्‍यकता है? इस प्रश्‍न का उत्‍तर होगा, नहीं। हम संवैधानिक मूल्‍यों को अपनी भाषा में, अपनी तरह से जानेंगे और समझेंगे तो उन्हें अधिक आत्‍मसात कर पाएंग। जैसे, न्‍याय का हमारे लिए क्‍या अर्थ है? क्‍या हम अपने लिए न्‍याय मांगें तो सही और दूसरे अपने लिए न्‍याय की उम्‍मीद करें तो अनुचित है? 

Similar Posts

  • संविधान और हम-5 : मौ‍लिक अधिकार

    भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 से 35 तक नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लेख किया गया है। भारतीय संविधान के गहन अध्ययनकर्ता मैनविल आस्टिन ने लिखा है, “ऐसा लगता है कि मूल अधिकारों ने भारत में एक नई समानता का सृजन किया है और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करने में सहायता की है।”

  • संविधान और हम-4 : संविधान की उद्देशिका

    संविधान की उ‌द्देशिका में विशाल भारतीय संविधान का सार तत्व संग्रहित है। यह उन उ‌द्देश्यों का उल्लेख करता है जिन्हें प्राप्त करने के लिए हम प्रयासरत हैं। संविधान की उद्देशिका से परिचय गहरा करवाने का प्रयास है यह एपिसोड।

  • नागरिक चक्रम भाग 6: दर्जी

    नागरिक चक्रम की कहानियां एक ऐसे किशोर की कहानियां हैं जो नागरिक बनने की प्रक्रिया में है। वह प्रश्नों के उत्तर खोजने की इच्छा भी रखता है।

  • नागरिक चक्रम भाग 9: पंद्रह अगस्त 

    नागरिक चक्रम की कहानियां एक ऐसे किशोर की कहानियां हैं जो नागरिक बनने की प्रक्रिया में है। वह प्रश्नों के उत्तर खोजने की इच्छा भी रखता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *