होम / नागरिक चक्रम भाग 5: अंधविश्वास
चक्रम ने सीखा कि बिना साक्ष्य के अंधविश्वास नहीं मानना चाहिए।

हम सब कई बातों को सुनते हैं और उन पर विश्वास करने लगते हैं। समाज में ऐसी कई बातें होती हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक या प्रामाणिक आधार नहीं होता है, लेकिन लोग आंखें मूंद कर उनमें भरोसा करते हैं। इस बार चक्रम से मिलने आये कुछ कौए। कौए! अरे वही जो काँव-काँव करते हैं। उनकी क्या बातचीत हुई, आइये पढ़ते हैं नागरिक चक्रम की इस कहानी में।

Similar Posts

  • हिंदी दिवस: राज भाषा निर्माण का संघर्ष

    जिस समय भारत ब्रिटिश उपनिवेशवाद से आज़ाद हो रहा था और एक नए राष्ट्र के रूप में उसका एकीकरण हो रहा था, ठीक उसी समय पहली बार भारत की राज भाषा और राष्ट्र भाषा का प्रश्न खड़ा हुआ। संविधान सभा में हिंदी और अहिंदीभाषी सदस्यों के बीच लंबी बहस के बाद हिंदी को राज भाषा बनाने पर सहमति बन सकी।

  • देश का विभाजन, संविधान और नेहरू

    ऐतिहासिक प्रमाणों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल समेत उस दौर के सभी प्रमुख नेता भारत के विभाजन को टालना चाहते थे। परंतु हालात के मुताबिक वे सभी इसे लेकर अलग-अलग नज़रिया भी रखते थे। कुछ मसलों पर न तो सहमति बन पा रही थी और न ही असहमति। मुस्लिम लीग को स्वतंत्र भारत में सरकार बनाने का आमंत्रण भी ऐसा ही एक मसला था।

  • नागरिक चक्रम भाग 3 : फर्ज

    नागरिक चक्रम की कहानियां दरअसल एक ऐसे किशोर की कहानियां हैं जो नागरिक बनने की प्रक्रिया में है। वह प्रश्नों के उत्तर खोजने की इच्छा भी रखता है।

  • बाइस जुलाई: तिरंगे को अपनाने का दिन

    भारत की संविधान सभा ने 22 जुलाई 1947 को औपचारिक रूप से तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया था। 23 जुलाई को इसे पहली बार औपचारिक रूप से फहराया गया। राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण की पूरी कहानी बहुत दिलचस्प है। 1857 के पहले स्वतंत्रता आंदोलन के पहले देश की विभिन्न रियासतों और राज्यों के अपने-अपने ध्वज थे। विडंबना ही है कि संपूर्ण भारत को उसका पहला ध्वज साम्राज्यवादी अंग्रेजी शासन ने दिया। नीले रंग के इस झंडे में बांयी ओर ऊपर यूनियन जैक बना था जबकि दाहिने हिस्से के बीच में ब्रिटिश क्राउन में स्टार ऑफ इंडिया का चित्र बना था।

  • नागरिक चक्रम भाग 7: ऊंची अदालत

    नागरिक चक्रम की कहानियां एक ऐसे किशोर की कहानियां हैं जो नागरिक बनने की प्रक्रिया में है। वह प्रश्नों के उत्तर खोजने की इच्छा भी रखता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *