होम / डॉ. अंबेडकर द्वारा बनाए गए प्रारूप संविधान की प्रति

डॉ. अंबेडकर द्वारा बनाए गए प्रारूप संविधान की प्रति

संविधान सभा के वाद विवाद की अंतिम पुस्‍तक आठ में 6 अक्‍टूबर 1949 से लेकर 24 जनवरी 1950 तक का विवरण दर्ज है। अंतिम पृष्‍ठों में संविधान की प्रति पर सभा के सदस्‍यों के हस्‍ताक्षर करने की प्रक्रिया दर्ज है। इस पुस्‍तक में पहले राष्‍ट्रपति के रूप में संविधान सभा के अध्‍यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद के निर्वाचन की प्रक्रिया का उल्‍लेख किया गया है। प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने यह प्रस्‍ताव रखा था। तब सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने कहा था कि हमें भविष्‍य में एक ही नाव में बैठकर तूफान का सामना करना है और समुद्र को पार करना है।

Similar Posts

  • Constitution, Society and Trust

    It is the Constitution of India that renders a mandate to abide by the values of social harmony. It requires that the citizens, society, and the dispensation of governance occur from the pedestal of mutual trust with due regard to wider and common good for the nation.This book is an attempt to define the interrelationship.

  • संविधान और रियासतें  

    संविधान और रियासतें  भारत हमेशा से विविधताओं से परिपूर्ण देश रहा है। आज़ादी के पहले यहां…

  • संविधान, भरोसा और समाज

    देश और समाज के सुचारू रूप से काम करने के लिए यह आवश्यक है कि परस्पर विश्वास का माहौल हो। नागरिक और शासन व्यवस्था परस्पर एक दूसरे पर आश्रित हैं, और यह रिश्ता तभी फलदायी हो सकता है जब यह आपसी विश्वास की डोर से बंधा हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *