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विकास संवाद द्वारा आयोजित 17वें नेशनल कान्क्लेव में महाराष्ट्र के मेंढा लेखा गांव के देवाजी टोफा का व्याख्यान। इस व्याख्यान में उन्होंने दिलचस्प अंदाज में बताया है कि कैसे अपने गांव में ग्राम स्वराज का सपना साकार किया।
नागरिक चक्रम भाग 4: जाति
नागरिक चक्रम की कहानियां दरअसल एक ऐसे किशोर की कहानियां हैं जो नागरिक बनने की प्रक्रिया में है। वह प्रश्नों के उत्तर खोजने की इच्छा भी रखता है।
नागरिक चक्रम भाग 5: अंधविश्वास
हम सब कई बातों को सुनते हैं और उन पर विश्वास करने लगते हैं। समाज में ऐसी कई बातें होती हैं,
जिनका कोई वैज्ञानिक या प्रामाणिक आधार नहीं होता है, लेकिन लोग आंखें मूंद कर उनमें भरोसा करते हैं। इस बार चक्रम से मिलने आये कुछ कौए। कौए! अरे वही जो काँव-काँव करते हैं। उनकी क्या बातचीत हुई, आइये पढ़ते हैं नागरिक चक्रम की इस कहानी में।
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संविधान और हम-5 : मौलिक अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 से 35 तक नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लेख किया गया है। भारतीय संविधान के गहन अध्ययनकर्ता मैनविल आस्टिन ने लिखा है, “ऐसा लगता है कि मूल अधिकारों ने भारत में एक नई समानता का सृजन किया है और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करने में सहायता की है।”
नागरिक चक्रम भाग 7: ऊंची अदालत
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