कथानक निर्माण के दौर में एआई और मनुष्‍यता पर संकट

कथानक निर्माण के दौर में एआई और मनुष्‍यता पर संकट

विकास संवाद द्वारा आयोजित 17 वें नेशनल कान्‍क्लेव में चर्चित लेखक और न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अजय सोडानी ने ‘कथानक निर्माण के दौर में मनुष्यता: एचआई बनाम एआई’ विषय पर संवाद किया। मनुष्‍यता पर मंडरा रहे आधुनिक संकट को समझने के लिए यह व्‍याख्‍यान बेहद महत्‍वपूर्ण कड़ी है।

आ एआई मुझे मार

आ एआई मुझे मार

मशीनी होती जिंदगी अब मुहावरा भर नहीं रह गया है। एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आने के बाद अब इंसान का मशीन बन जाना और मशीन का इंसान बन जाना संभव है। दूसरी तरफ, एआई केे लाभ भी गिनाए जा रहे हैं। यानी, यह केवल खतरा नहीं है बल्कि अवसर भी है।