संविधान सभा में स्वतंत्रता का घोषणा पत्र
पंद्रह अगस्त 1947 को मिली वास्तविक स्वतंत्रता से महीनों पहले दिसंबर 1946 में ही हमारी संविधान सभा में भारतीय स्वतंत्रता का घोषणापत्र प्रस्तुत कर दिया गया था। इसे हम लक्ष्य संबंधी प्रस्ताव के रूप में जानते हैं। इस घोषणापत्र में भारत को पूर्ण स्वतंत्र जनतंत्र बनाने के साथ-साथ उसके शासन के लिए एक विधान तैयार करने का संकल्प लिया गया था। हमारी गणतंत्रात्मक प्रणाली और मूल अधिकारों की बुनियाद इन्हीं प्रस्तावों में निहित है। यह एक असाधारण पहल थी क्योंकि दूसरे विश्वयुद्ध,विभाजन की मांग और सांप्रदायिक हिंसा जैसे विपरीत हालात में यह प्रस्ताव न्याय,व्यक्तिगत स्वतंत्रता,धर्मनिरपेक्षता और गणतंत्रात्मक व्यवस्था जैसे मूल्यों को अपनाने का स्वप्न देख रहा था।