संविधान और रियासतें 

भारत हमेशा से विविधताओं से परिपूर्ण देश रहा है। आज़ादी के पहले यहां अनेक राज्य और रियासतें मौजूद थीं। 600 से अधिक इन छोटी-बड़ी रियासतों की अपनी-अपनी अलग पहचान थी। इनकी भौगोलिक सीमाएं अलग थीं, नीतियां अलग थीं, राज्य व्यवस्थाएं अलग थीं और इनकी भाषा और अर्थव्यवस्था भी अलग-अलग थीं। यह भी सच है कि स्वतंत्रता के समय सभी रियासतें भारत में विलीन होना नहीं चाहती थीं। इसके लिए नये स्वतंत्र हुए देश को तमाम तरीके अपनाने पड़े। आज़ादी के उस दौर में रियासतें एक समांतर सचाई थीं। भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष और पाकिस्तान के निर्माण की चर्चा के बीच कई रियासतें अपनी आज़ादी का स्वप्न भी देख रही थीं। रियासतें और उनका भारत में विलय एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है जिस पर विस्तार से दृष्टि डालने की आवश्यकता है।

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