समान नागरिक संहिता- क्या हैं संदर्भ और अर्थ?
यह जानना दिलचस्प है कि जिस समय संविधान बनाया जा रहा था, तब हमारी संविधान सभा के विभिन्न सदस्य समान नागरिक संहिता को लेकर क्या विचार रखते थे….
यह जानना दिलचस्प है कि जिस समय संविधान बनाया जा रहा था, तब हमारी संविधान सभा के विभिन्न सदस्य समान नागरिक संहिता को लेकर क्या विचार रखते थे….
भारतीय समाज जिस स्थिति से गुजर रहा है, उसमें उसके सामने दो ही विकल्प हैं। या तो विभिन्न धार्मिक समुदाय अपने-अपने धार्मिक विधानों में सुधार करें और उन्हें न्याय सम्मत…
इन दिनों देश में समान नागरिक संहिता को लेकर नये सिरे से बहस शुरू है। ताजा चर्चाओं के पीछे राजनैतिक वजहें हैं लेकिन देश में समान नागरिक संहिता…
देश की संविधान सभा में आरक्षण को लेकर बहुत गंभीर और विस्तृत चर्चा हुई। विभिन्न तरह के मत सामने आए और आखिर में संविधान सभा ने सभी विचारों को ध्यान में…
संविधान की आत्मा उसकी उद्देशिका में बसती है। उद्देशिका में उल्लिखित मूल्य ही देश को पंथनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक बनाने की राह दिखाते हैं। संविधान की उद्देशिका में कहीं भी…
डॉ. अम्बेडकर मानते थे कि एक संवैधानिक राज्य की स्थापना के लिए केवल संवैधानिक प्रावधानों को अपना लेना पर्याप्त नहीं बल्कि उसके लिए संवैधानिक नैतिकता…
डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सन 1945 में ही अनुसूचित जाति फेडरेशन के लिए संविधान के रूप में एक दस्तावेज तैयार कर चुके थे। यह दस्तावेज मुख्य रूप से नागरिकों…
अच्छी से अच्छी बात में कोई न कोई कमी होती ही है। भारतीय संविधान भी पूरी तरह त्रुटियों से रहित नहीं है। इसमें भी कमियां हैं लेकिन कुछ ऐसे सूत्र भी हैं जिन्हें अपनाकर…
सन 1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले में देश के सर्वोच्च न्यायालय की 13 सदस्यीय संविधान पीठ ने 7-6 के बंटे हुए निर्णय में कुछ ऐसी स्थापनाएं दीं…