चक्रम ने यह समझा कि समाज के कुछ लोग अति-धार्मिकता और प्रेम जैसे शब्दों के वास्तविक अर्थ को सही ढंग से नहीं समझ पाते, जिसके परिणामस्वरूप अन्य लोगों को भी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।है
चक्रम अपनी किताबों को बस परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए नहीं पढ़ता है। उसे इनसे अपने देश-समाज-पर्यावरण के बारे में जानने में मदद मिलती। बाकी के बच्चे शायद उस तरह से नहीं पढ़ते। चक्रम किताबों की बातें पढ़ता और स्कूल की व्यवस्था की तरफ देखता, तो उसे लगता कि अच्छी बातों और हमारे व्यवहार में इतना फर्क क्यों है? चक्रम ने कक्षा में क्या देखा, देखते हैं नागरिक चक्रम की इस कहानी में।
