श्री चिन्‍मय मिश्र

मध्‍य प्रदेश के ख्‍यात लेखक, स्‍तंभकार और पर्यावरण चेतना के लिए सक्रिय श्री चिन्‍मय मिश्र के चिंतन, लेखक और कार्यों के केंद्र में गांधी, बच्‍चे, वस्‍त्र परंपरा और कला हैं। भारतीय पारंपरिक वस्त्र परंपरा पर संकलन, दस्तावेजीकरण एवं प्रदर्शनी, भारतीय पारंपरिक वस्त्र छपाई परंपरा पर केंद्रित पुस्तक ‘अंकन’ और बुनाई परंपरा पर केंद्रित पुस्तक ‘तंतुजा’, भारतीय साड़ी परंपरा, रेशमी वस्त्र परंपरा, कशीदाकारी एवं बिछायत परंपरा पर चार मोनोलॉग, सरदार सरोवर बांध से विस्थापित हुए समुदाय के विस्तृत अध्ययन पर पुस्‍तक ‘प्रलय से टकराते समाज व संस्कृति’, बांध, टाइगर रिजर्व, औद्योगिक क्षेत्र, शहरी विस्तार से विस्थापित बच्चों पर पुस्‍तक ‘बचपन से विस्थापित बच्चे’ आदि प्रमुख प्रकाशन हैं। श्री चिन्‍मय मिश्र ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय एवं अन्य के साथ मिलकर विस्थापन एवं कलाओं पर 10 से अधिक वृत्तचित्रों का लेखन एवं निर्माण सहयोग किया है। जनसंगठनों के साथ जुड़े रहे श्री मिश्र वर्तमान में मध्यप्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्‍यक्ष हैं। गांधी दर्शन के प्रचार हेतु कार्य के साथ पारंपरिक वस्‍त्र परंपरा और प्राकृतिक रंगों के उपयोग को प्रोत्‍साहन के लिए सक्रिय श्री चिन्‍मय मिश्र विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में 1000 से अधिक लेख लिख चुके हैं। सर्वोदय प्रेस सर्विस इंदौर में 11 वर्षों तक कार्यकारी संपादक रहे श्री चिन्‍मय मिश्र द्वारा स्‍तंभ लेखन जारी है।