श्री विभूति झा
हम सबके बीच विभूति दा के नाम से लोकप्रिय श्री विभूति झा का एक परिचय यह है कि उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैसकांड के पीड़ितों की लड़ाई सर्वोच्च न्यायालय से अंतरिम मुआवजा पाने तक लड़ी है। आपने 1975 में सोशल एंथ्रोपोलॉजी में एमए सागर यूनिवर्सिटी के टॉपर रहते हुए अर्जित की है। जेएनयू (नई दिल्ली) से समाजशास्त्र में एम.फिल/पीएचडी विभूति दा अपने शिक्षाकाल में रंगमंच आंदोलन में भी सक्रिय रहे हैं। प्रसिद्ध कवि मुक्तिबोध के जीवन और कार्यों पर मणि कौल द्वारा निर्मित फीचर फिल्म ‘सतह से उठा आदमी’ में आपने मुख्य भूमिका निभाई है। आपातकाल के दौरान व उसके बाद के छात्र आंदोलन सहित कई नागरिक और मानवाधिकार मंचों में भी प्रमुख भागीदार रहे हैं। विभूति दा ने वर्ष 2007 में जीवन की धारा बदल ली और सफलता के शीर्ष पर वकालत को छोड़ कर मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिलों मंडला और अलीराजपुर में ग्रामीण आबादी के बीच रहने और कार्य करने चले गए। इनदिनों आप पंचायती राज कानूनी ढांचे में प्राप्त अधिकारों के बारे में जागरूकता निर्माण और ‘ग्राम सभा’ के सशक्तीकरण के साथ पर्यावरण कानूनों के माध्यम से वन संरक्षण के कार्य में सक्रिय हैं।