मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप 2025-27

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मध्‍यप्रदेश के करकेली ब्‍लॉक (उमरिया जिला) व मझगंवा ब्‍लॉक (सतना जिला) के निवासी और सक्रिय युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए

मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप 2025-27

संविधान निर्माण सभा ने भारतीय संविधान की उद्देशिका में कुछ बुनियादी मूल्यों का उल्लेख किया है। ये मूल्य हैं – बंधुता, व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय और राजनीतिक न्याय, समानता। इसके साथ ही व्यवस्था को लोकतांत्रिक और समाजवादी बनाया गया है। विकास संवाद की सोच है कि इन मूल्यों का महत्व केवल सरकार या न्यायपालिका तक ही सीमित नहीं है। वस्तुतः ये निजी और सार्वजनिक जीवन के भी मूल्य हैं। संविधान संवाद फैलोशिप इन मूल्यों को व्यावहारिक रूप से समझने और अभ्यास को प्रोत्साहित करने का जतन है: मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप।

यदि मध्‍य प्रदेश के करकेली ब्‍लॉक (उमरिया) तथा मझगंवा ब्‍लॉक (सतना) के निवासी तथा ब्‍लॉक में कार्य करने के इच्‍छुक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं और आप …

  • वैज्ञानिक, समावेशी और पंथ निरपेक्ष चिंतन परंपरा और संवैधानिक मूल्‍यों में भरोसा रख कर सामाजिक कार्य करते हैं…
  • अपने सामाजिक कार्य को मूल्‍यपरक दृष्टि तथा शोधपूर्ण आधार देते हैं…
  • स्‍वयं में बतौर भारतीय नागरिक आत्‍मबोध और चेतना रखते हैं…
  • समाधान की दिशा में कार्य करते हैं…

                                             … तो यह फैलोशिप आपके लिए हैं। 

मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप क्‍या और क्‍यों?

विकास संवाद बीते दो दशकों से फैलोशिप कार्यक्रम संचालित कर सामूहिक प्रयासों से बेहतर समाज बनाने के अपने उद्देश्‍य की दिशा में पहल कर रहा है। हम जानते हैं कि किसी भी व्‍यक्ति की सोच, दृष्टिकोण और कार्य व्‍यवहार स्‍वयं उसे, उसके परिवार तथा आसपास के समाज को प्रभावित करता है। इस दृष्टि से एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए युवाओं के मानस को समझना और उसके साथ गहरा रिश्ता कायम करना भी आवश्‍यक है।

यह बात तो स्थापित हो ही चुकी है कि भारतीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए सबसे पहले भारत के लोगों को ‘नागरिक’ होने के अहसास से गुज़रना होगा। युवा सुशासन मैत्री फैलोशिप ऐसी ही एक पहल है जिसके तहत विकास संवाद युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ संवाद और सहभागिता आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस पहल के अंतर्गत भारतीय सामाजिक व्यवस्था की संरचना, समानता और गरिमा के लक्ष्य को हासिल करने में आने वाले चुनौतियों, भारतीय संविधान के इतिहास और उसके मूल्य, नागरिक नेतृत्व के अर्थ और गुण पर सत्र शामिल होंगे। इसके साथ ही युवा समाज के बीच बेहतरी के लिए बदलाव के कार्यक्रम की रूपरेखा बनाए रखें और उसे लागू करें इस उद्देश्‍य के साथ मेंटरिंग की जाएगी।

मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप की पहल इस उम्मीद पर आधारित है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं के निजी और पेशवर जीवन से संवैधानिक मूल्यों का क्या रिश्ता हो सकता है।  

इस फैलोशिप में यह अपेक्षा है कि युवा सामाजिक कार्यकर्ता अपने कार्य में कुशल होने के साथ ही बंधुता, न्याय, व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा जैसे संवैधानिक मूल्यों के पालन के प्रति आग्रही हों। वे बाह्य परिवर्तन के स्‍थूल लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के प्रयासों में संवैधानिक मूल्‍यों के अनुरूप आतंरिक परिवर्तन के सूक्ष्‍म सिद्धांतों को भी अपनाएं।

हम यह भी अनुभव करते हैं कि ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) प्रक्रिया में समुदाय की बढ़ी हुई और स्पष्ट भागीदारी की आवश्यकता है ताकि उनकी आवश्यकताओं (विशेषकर खाद्य और पोषण सुरक्षा से संबंधित) को प्रभावी ढंग से शामिल किया जा सके। ये पहलू लिंग, घरेलू हिंसा, पारदर्शिता, समानता और जवाबदेही जैसे अंतर्संबंधित मुद्दों को भी उचित रूप से संबोधित करेंगे।

हमारी कल्‍पना है कि जब एक युवा अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए निजी और पेशेवर जीवन में संवैधानिक मूल्‍य युक्‍त कार्य व्‍यवहार का आग्रही होगा तो निश्चित ही हम एक बेहतर समाज और परिवेश का निर्माण कर पाएंगे। जब युवा कार्यकर्ता बंधुता, न्‍याय, समता, गरिमा जैसे मूल्‍यों का पालन करेंगे तो तय है कि उनके कार्य से भी ऐसा ही भाव प्रसारित होगा।

मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप किनके लिए?

यह फैलोशिप मध्‍य प्रदेश के करकेली ब्‍लॉक (उमरिया) तथा मझगंवा ब्‍लॉक (सतना) के निवासी ऐसे युवा सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए है, जो मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप के उद्देश्‍यों से सहमत हैं और जो संवैधानिक मूल्‍यों के पालन की प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना चाहते हैं।

फैलोशिप की अवधि: 24 माह

फैलोशिप की संख्‍या: 32 एकल फैलोशिप, 2 ग्रुप फैलोशिप (4 सदस्‍यों वाले दो समूह)  

मानेदय: एकल फैलोशिप 15,000 प्रतिमाह, ग्रुप फैलोशिप 62,000 प्रतिमाह (ग्रुप लीडर 20,000 प्रतिमाह, तीन सदस्‍य 14,000 प्रति सदस्‍य प्रतिमाह)

आवेदन की अंतिम तिथि: 20 सितंबर 2025, शनिवार शाम 5 बजे तक

योग्‍यता:

  • 23 से 30 वर्ष के सामाजिक कार्य में सक्रिय युवा। जीपीडीपी के लक्षित परिणाम को प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से उपयुक्‍त आवेदक की आयु सीमा में वृद्धि की जा सकती है।
  • न्‍यूनतम शैक्षणिक योग्‍यता: 10 + (उच्‍च शिक्षा में अध्‍ययनरत युवाओं को शामिल नहीं करेंगे।)
  • फैलोशिप अवधि में पलायन नहीं करना चाहिए। अर्थात् उक्‍त अवधि में स्‍थानीय निवास अनिवार्य शर्त है।
  • संवैधानिक मूल्‍यों के प्रति आस्‍था होना आवश्‍यक है।
  • आपराधिक अतीत न हो। पूर्व में ऐसा कोई मामला हो जिसका निपटारा हो गया हो तब भी आवेदक को ऐसे हर मामले की जानकारी आवेदन के समय ही देनी होगी।
  • किसी राजनीतिक दल से सम्‍बद्धता या सक्रिय सदस्‍यता, सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने तथा राष्‍ट्र विरोधी गतिविधियों, आर्थिक अनियमितता में संलिप्‍तता नहीं होना चाहिए।
  • स्‍मार्ट फोन के सामान्‍य उपयोग में सक्षम हों।
  • हमारी प्राथमिकता में 50 फीसदी फेलो महिला कार्यकर्ता होंगी।
  • हमारी प्राथमिकता में अजा, जजा, ओबीसी, दिव्‍यांग, अल्‍पसंख्‍यक युवा होंगे।

फैलोशिप का उद्देश्य:

  • युवाओं की भागीदारी से ग्राम पंचायत विकास योजना प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाना
  • स्थानीय शासन प्रक्रियाओं में भाईचारे और समावेश को बढ़ावा देना
  • खाद्य एवं पोषण कार्यक्रमों की सामुदायिक निगरानी को सुदृढ़ बनाना
  • स्थानीय समुदाय में संवैधानिक मूल्यों के बारे में समझ विकसित करना

फैलोशिप कार्य अपेक्षाएं:

  • ग्राम सभा में उल्लेखनीय रूप से बढ़ी हुई भागीदारी
  • अधिकारों और सेवाओं तक बेहतर पहुँच (कम से कम 75% से अधिक)
  • बच्चों और युवाओं में संवैधानिक मूल्यों के बारे में बेहतर समझ (100%)
  • कुपोषण, शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में कमी (मौजूदा स्तर से कम से कम 25% तक)

अपेक्षित परिवर्तन:

विकास संवाद का प्रयत्‍न है कि मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप सीखने-सिखाने की एकतरफा प्रक्रिया न बने और न ही यह एक कागजी या यांत्रिक कार्य बन कर रह जाए। हमारा प्रयास है कि मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप से जुड़ा हर फैलो इस यात्रा के दौरान बेहतर नागरिक बनने की दिशा में समर्पित प्रयास करे।

इसलिए स्‍थूल कार्यों के साथ कुछ सूक्ष्‍म परिवर्तनों की कल्‍पना भी की गई। हम उम्‍मीद करते हैं कि फैलोशिप उपरांत एक फैलो का दृष्टिकोण, विचार, कार्य-व्‍यवहार और दैनिक आचरण अधिक संवैधानिक मूल्‍यपरक होगा। उसका यह परिवर्तन केवल स्‍वयं में नहीं बल्कि उसके परिवार, समाज और कार्यों में भी स्‍पष्‍ट से परिलक्षित होगा। उसका लेखन अधिक शोधपूर्ण तथा बंधुता, न्‍याय, स्‍वतंत्रता, समता, गरिमा जैसे मूल्‍यों का हिमायती होगा।

फैलोशिप चयन प्रक्रिया

विकास संवाद बीते दो दशकों से फैलोशिप कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है। इस अनुभव के आधार पर मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप की चयन प्रक्रिया और अधिक सूक्ष्‍म, व्‍यापक, गहन और सर्वसमावेशी बनाया गया है। हमारा प्रयास है कि उपयुक्‍त व्‍यक्ति ही इस यात्रा का हिस्‍सा बने इसलिए हमने चयन के पूर्व भी एक कार्यशाला जरूरी समझा है ताकि युवा साथी वैसी ही तैयारी के साथ इस कार्य का हिस्‍सा बन सकें।

आवेदन कब और कैसे

मध्‍य प्रदेश के करकेली ब्‍लॉक (उमरिया) तथा मझगंवा ब्‍लॉक (सतना) के निवासी तथा ब्‍लॉक में कार्य करने के इच्‍छुक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता जो मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप पाने के लिए योग्‍यता पूरी करते हैं, इस फैलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवेदकों को विकास संवाद समि‍ति द्वारा तय गूगल फॉर्म में आवेदन करना होगा। इसके साथ ही अपना बायोडाटा व अनुभव का विवरण देना होगा।

चयन के पहले परिचय संवाद सत्र

आवेदन करने वाले सभी युवाओं के साथ अक्‍टूबर माह के पहले पखवाड़े में परिचय संवाद सत्र रखा जाएगा। इस एक दिवसीय सत्र में मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप के स्‍वरूप, कार्य प्रक्रिया, शोध अनिवार्यता आदि चर्चा, संवाद तथा परिचय गतिविधियां होंगी।

ज्‍यूरी से वन टू वन चर्चा

आवेदकों के बायोडाटा, कार्य अनुभव तथा परिचय संवाद सत्र के उपरांत मिले फीडबैक के आधार पर ज्‍यूरी फेलो का चयन करेगी।  

यदि आप …

  • आप बेहतर भारतीय नागरिक बनना चाहते हैं…
  • संवैधानिक मूल्‍यों के आत्‍मबोध और चेतना विकास की प्रक्रिया का हिस्‍सा बनना चाहते हैं…
  • सामाजिक सरोकारों वाले अपने कार्य को अधिक कुशलता देने वाली 24 माह की सघन प्रक्रिया से जुड़ना चाहते हैं…
  • आप अपनी सोच, समझ और दृष्टि को विकसित करना चाहते हैं…
  • आप 24 माह देश के विभिन्‍न विशेषज्ञों से संवाद करने, उनके मार्गदर्शन में अपने कार्य को अधिक स्‍पष्‍ट, अध्‍ययनपूर्ण, शोधपरक और देशहित में बनाना चाहते हैं…
  • आप 24 माह की अवधि में सात शिविरों में शामिल हो कर अपने विकास की राह प्रशस्‍त करना चाहते हैं…

… तो हम आपका स्‍वागत करते हैं, आइए और विकास संवाद की स्‍वयं से समाज तक संवैधानिक मूल्‍यों को आत्‍मसात करने की इस यात्रा के सहयात्री बनिए।

हमारा आग्रह है कि आप इस मैत्री सुशासन युवा फैलोशिप की जानकारी हर उपयुक्‍त युवाओं तक जरूर पहुंचाइए ताकि हम सब मिल कर अपने भारतीय नागरिक होने के बोध को विस्‍तार दे सके।

आवेदन की अंतिम तिथि: 20 सितंबर 2025, शनिवार शाम 5 बजे तक

आवेदन के लिए क्लिक करें:   गूगल फॉर्म

आवेदन के लिए स्‍कैन करें:

आवेदन उपरांत परिचय संवाद सत्र: अक्‍टूबर 2025 माह के पहले पखवाड़े में 

हमसे संपर्क करें: www.samvidhansamvad.org

मेल आईडी: yuvamaitri@vssmp.org

वीएन त्रिपाठी: 7974739765

पंकज शुक्‍ला: 9893699941

पूजा सिंह:  9911886828

सचिन कुमार जैन: 9977704847

विकास संवाद के बारे में

विकास संवाद एक सामाजिक शोध, प्रशिक्षण और दस्तावेजीकरण समूह है। विकास संवाद वर्ष 2001 में एक परियोजना के रूप में शुरू हुआ और आज मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में अपने नवाचारी कार्यों के लिए विशिष्‍ट पहचान पा रहा है। वि‍कास संवाद की सोच व्यापक जनहि‍त से जुड़े मुद्दों को विमर्श में लाकर बदलाव की कोशि‍श करने की रही है। एक ऐसा बदलाव, जो समाज को गरीबी, शोषण, भेदभाव से बाहर नि‍कालकर सम्मान, बराबरी और न्याय के रास्ते पर खड़ा कर सके। विकास संवाद की कोशिश रहती है कि खांचों में बंध कर बदलाव की पहल न हो; बल्कि सभी विषयों को एक—दूसरे से जोड़कर ही देखा जाए और नजरिये को व्यापक बनाया जाए। बदलाव का सूत्र बाहर के बजाय भीतर से ही अंकुरित हो तो ही प्रक्रिया आगे बढ़ती है, इसलिए केंद्रीयकरण और संस्थागत नियंत्रण से बचने की कोशिश करते हैं। इसी सोच को ध्यान में रखकर यह समूह अध्ययन-विश्लेषण और सामग्री तैयार करने का काम कर रहा है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और जन माध्यमों के प्रतिनिधियों के साथ निरंतर संवाद करते रहना विकास संवाद के काम का मुख्य हिस्सा है। अपनी समझ और सीख के लिए साझेदारी में मैदानी काम भी किया जा रहा है।

हमारे काम को www.vssmp.org और www.samvidhansamvad.org वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

हमारे व्‍यवहार में यूं प्रदर्शित होते हैं संवैधानिक मूल्य:

  • अपनी बातचीत में ऐसे शब्दों और भाषा का उपयोग नहीं करना, जो किसी भी व्यक्ति, समूह या समुदाय की गरिमा को कम करते हों।
  • असहमति को सम्मान के साथ स्वीकार करना।
  • किसी व्यक्ति, विचार या समुदाय के प्रति पोर्वाग्रह से मुक्त होना।
  • समाज में बहुलता है। बहुलता को हर जगह पर देखना, समझना और स्वीकार करना।
  • सजगता होना कि धर्म, लिंग या जाति के आधार पर व्यवहार और दृष्टिकोण का निर्धारण न किया जाए।
  • परिवार के भीतर श्रम और अलग-अलग भूमिकाओं को जानना, समझना और उनमें शामिल होना। घरेलू श्रम का सजगता से सम्मान करना।
  • निजी और पारिवारिक जीवन में छुआछूत, शोषण और हिंसा को कोई स्थान न दिया जाए।
  • अपनी पेशेगत भूमिका निभाते हुए, ऐसे काम न करना, जिनसे सामाजिक-साम्प्रदायिक वैमनस्यता बढती हो। यह कौशल विकसित करना कि किसी की भी बात ‘ज्यों की त्यों’ और बिना पूर्वाग्रह के ‘सुनी’ जा सके। बात को सुनना।
  • अपने हाव-भावों, शब्दों, स्वर और दृष्टि में विनम्रता का होना।
  • अपने जीवन शैली में सहजता का होना।
  • न मैं भयभीत होऊं और न कोई मुझसे भयभीत हो।
  • मैं अपनी गरिमा का ख्याल रखूँ और मैं ही दूसरों की गरिमा का भी ख्याल रखूं।
  • अपने पेशे में यह ध्यान रखना युवाओं को सकारात्मक मार्गदर्शन प्रदान किया जाए। जाति, वर्ण, सम्प्रदाय या लिंग के आधार पर कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष टिप्पणी न की जाए और दुर्भावना पूर्ण व्यवहार न किया जाए।

हमारा लक्ष्‍य

  • दृष्टिकोण में न्याय, समता और समानता
  • व्यवहार में गरिमा, करुणा और बंधुता
  • प्रक्रिया में सहभागिता और पारदर्शिता
  • कार्य में सत्यनिष्ठा और जवाबदेहिता