वाजिब थीं जयपाल सिंह मुंडा की शिकायतें

वाजिब थीं जयपाल सिंह मुंडा की शिकायतें

देश की आज़ादी की लड़ाई के दौर में जहां देश और समाज के सभी प्रमुख मुद्दों पर खुलकर बात की जा रही थी वहीं आश्चर्य की बात है कि आदिवासियों को लेकर बहुत कम बातचीत या विमर्श हो रहा था। भारत को ओलंपिक में हॉकी का पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाली टीम के कप्तान रहे आदिवासी नेता जयपाल सिंह मुंडा ने इस विषय पर संविधान सभा में जो कुछ कहा वह एक कड़वी हकीकत है।

26 जनवरी: उन बहसों को याद करने का दिन

26 जनवरी: उन बहसों को याद करने का दिन

26 जनवरी वह दिन है जब 1950 में हमारे देश ने संविधान को अपनाया था और एक गणराज्य के रूप में अपनी नई यात्रा की शुरुआत की थी। उस समय तक देश का शासन भारत शासन अधिनियम के संशोधित स्वरूप के माध्यम से चल रहा था। प्रस्तुत है संविधान सभा की बैठकों के अंतिम सप्‍ताह के महत्‍व को रेखांकित करता यह आलेख।

संवैधानिक मूल्य की अवहेलना है मीडिया ट्रायल

संवैधानिक मूल्य की अवहेलना है मीडिया ट्रायल

आजादी के बाद देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुख्य झंडाबरदार मीडिया का स्वरूप जितना बहुआयामी होता गया है, उसी अनुपात में उसने न्यायिक सत्ता…

ईडब्‍ल्‍यूएस को 10 फीसदी आरक्षण: दूर होगी असमानता?

ईडब्‍ल्‍यूएस को 10 फीसदी आरक्षण: दूर होगी असमानता?

सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2022 में आए फैसले में आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों…

मानवीय गरिमा को ‘आदर्श मूल्य’ के रूप में कब स्वीकारेंगे?

मानवीय गरिमा को ‘आदर्श मूल्य’ के रूप में कब स्वीकारेंगे?

हमारे देश में संविधान की गारंटी के बाद भी मानवीय गरिमा का हनन जारी है। जबकि संविधान के भाग 3 में स्पष्ट रूप से सभी नागरिको को समता, स्वातंत्र्य…

सुप्रीम कोर्ट: पॉक्सो एक्ट में न्यूनतम से कम सजा नहीं दे सकती हैं अदालतें

सुप्रीम कोर्ट: पॉक्सो एक्ट में न्यूनतम से कम सजा नहीं दे सकती हैं अदालतें

सुप्रीम कोर्ट के सामने अपील में एकमात्र प्रश्न गया था कि अभियुक्त लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अंतर्गत दंडनीय यौन हमले के अपराध…

शादी की न्यूनतम आयु में धर्म, जाति के आधार पर भेदभाव संभव है?

शादी की न्यूनतम आयु में धर्म, जाति के आधार पर भेदभाव संभव है?

कोई भी कानून जो कि किसी विशेष तबके हेतु और विशेष उद्देश्य हेतु बनाया गया हो, वह किसी भी साधारण कानून के प्रावधानों को अधिक्रमित अवश्य करेगा…