मतदान: सत्ता में भागीदारी का पहला कदम
आम जनता के लिए यह समझना आवश्यक है कि सत्ता में भागीदारी का रास्ता मतदान से होकर ही निकलता है। हर पांच वर्ष में हमें अपनी सरकार चुनने का अवसर मिलता है…
आम जनता के लिए यह समझना आवश्यक है कि सत्ता में भागीदारी का रास्ता मतदान से होकर ही निकलता है। हर पांच वर्ष में हमें अपनी सरकार चुनने का अवसर मिलता है…
भारत के संविधान को दुनिया का अनूठा संविधान माना जा सकता है। दरअसल भारतीय संविधान केवल व्यक्ति के अस्तित्व और गरिमा का ही ध्यान नहीं रखता…
भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। हम इस बात पर गर्व करते हैं कि हमारे देश में प्राचीन काल से लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपनाया जाता रहा है…
भारत की शासन व्यवस्था ऐसी है जहां केंद्र और राज्यों के लिए अलग-अलग व्यवस्था दी गयी है। दोनों के बीच शक्तियों का बंटवारा इस प्रकार किया गया है कि आपस में…
यह जानना दिलचस्प है कि जिस समय संविधान बनाया जा रहा था, तब हमारी संविधान सभा के विभिन्न सदस्य समान नागरिक संहिता को लेकर क्या विचार रखते थे….
भारतीय समाज जिस स्थिति से गुजर रहा है, उसमें उसके सामने दो ही विकल्प हैं। या तो विभिन्न धार्मिक समुदाय अपने-अपने धार्मिक विधानों में सुधार करें और उन्हें न्याय सम्मत…
इन दिनों देश में समान नागरिक संहिता को लेकर नये सिरे से बहस शुरू है। ताजा चर्चाओं के पीछे राजनैतिक वजहें हैं लेकिन देश में समान नागरिक संहिता…
देश की संविधान सभा में आरक्षण को लेकर बहुत गंभीर और विस्तृत चर्चा हुई। विभिन्न तरह के मत सामने आए और आखिर में संविधान सभा ने सभी विचारों को ध्यान में…
संविधान की आत्मा उसकी उद्देशिका में बसती है। उद्देशिका में उल्लिखित मूल्य ही देश को पंथनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक बनाने की राह दिखाते हैं। संविधान की उद्देशिका में कहीं भी…