आप संवैधानिक मूल्‍यों से क्‍या समझते हैं? क्‍या इन मूल्‍यों को जानने के लिए किसी शोध की आवश्‍यकता है? इस प्रश्‍न का उत्‍तर होगा, नहीं। हम संवैधानिक मूल्‍यों को अपनी भाषा में, अपनी तरह से जानेंगे और समझेंगे तो उन्हें अधिक आत्‍मसात कर पाएंग। जैसे, न्‍याय का हमारे लिए क्‍या अर्थ है? क्‍या हम अपने लिए न्‍याय मांगें तो सही और दूसरे अपने लिए न्‍याय की उम्‍मीद करें तो अनुचित है?