संवैधानिक व्यवस्था: एक परिचय

संविधान एक ऐसी व्यवस्था है जो यह निर्धारित करती है कि देश का शासन किस प्रकार हो। संविधान ऐसे सिद्धांत सामने रखता है जिनसे मार्गदर्शन लेकर वे विधियां निर्मित हुईं जो हमारे देश और समाज के लिए दिशासूचक का काम करती हैं। यह समाज और राज्य के बीच समन्वय और व्यवस्था संचालन की बुनियादी शर्तें निर्धारित करता है। परंतु इन सिद्धांतों और शर्तों को अमली जामा पहनाने में नागरिकों की भूमिका प्रमुख है। यदि देश के नागरिक इन्हें समझें और आत्मसात करें तो हमें हर छोटी-बड़ी बात के लिए अदालतों की बाट नहीं जोहनी होगी, संसद की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी कि वह कानून बनाए। सजग नागरिक संवैधानिक व्यवस्था को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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