विकास संवाद संविधान फैलोशिप 2022 के सम्‍मानित ज्‍यूरी सदस्‍य

श्री अभिमन्यु श्रेष्ठ
श्री अभिमन्यु श्रेष्ठ
विधि की शिक्षा के उपरांत श्री अभिमन्यु श्रेष्ठ 11 वर्ष से अधिक समय से सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय में पैरवी कर रहे हैं। वह फरवरी 2016 से सर्वोच्च न्यायालय में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के रूप में अर्हता प्राप्त और नामांकित हैं।
श्री चिन्‍मय मिश्र
श्री चिन्‍मय मिश्र
मध्‍य प्रदेश के ख्‍यात लेखक, स्‍तंभकार और पर्यावरण चेतना के लिए सक्रिय श्री चिन्‍मय मिश्र के चिंतन, लेखक और कार्यों के केंद्र में गांधी, बच्‍चे, वस्‍त्र परंपरा और कला हैं।
श्री चंद्रकांत नायडू
श्री चंद्रकांत नायडू
मध्‍य प्रदेश के वरिष्‍ठतम पत्रकार श्री चंद्रकांत नायडू लगभग 50 वर्षों के कॅरियर के दौरान इंडियन एक्सप्रेस और हिंदुस्तान टाइम्स के क्षेत्रीय संपादक और फ्री प्रेस जर्नल के कार्यकारी संपादक रहे हैं।
श्रीमती मंजीत पीएस चक्‍कल
श्रीमती मंजीत पीएस चक्‍कल
श्रीमती मंजीत पीएस चक्‍कल वर्तमान में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में आपराधिक, दीवानी और रिट क्षेत्राधिकार के क्षेत्र में पैरवी कर रही हैं। महिलाओं से संबंधित मुद्दों में उनकी विशेष रुचि है।
श्री एन. के. सिंह
श्री एन. के. सिंह
प्रिंट मीडिया में पत्रकारिता व संपादन के चार दशकों से अधिक के अनुभव के धनी श्री एनके सिंह ने सांप्रदायिक मुद्दों पर पांच पुस्तिकाएं लिखी हैं। आपका कार्यक्षेत्र मध्‍य प्रदेश के साथ ही नई दिल्ली, राजस्थान और गुजरात रहा है।
श्री राजेश बादल
श्री राजेश बादल
पिछले चार दशक से रेडियो,प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल पत्रकारिता का जानामाना नाम श्री राजेश बादल राज्‍यसभा राज्यसभा टीवी के संस्थापक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रह चुके हैं।
सुश्री श्रावणी सरकार
सुश्री श्रावणी सरकार
सुश्री श्रावणी सरकार को कुपोषण, महिलाओं और बच्चों के कल्याण, शिक्षा, सूचना के अधिकार (आरटीआई) आधारित कहानियों और मौसम विज्ञान से संबंधित रिपोर्टिंग में विशेषज्ञ माना जाता है।
श्री सुनील कुमार गुप्‍ता
श्री सुनील कुमार गुप्‍ता
मध्‍य प्रदेश की पत्रकारिता में सरोकारों वाली पत्रकारिता के लिए पहचाने जाने वाले श्री सुनील कुमार गुप्‍ता बीते तीन दशकों से सामाजिक, राजनीतिक विषयों के साथ विकासपरक पत्रकारिता और लेखन में सक्रिय हैं।
श्री विभूति झा
श्री विभूति झा
हम सबके बीच विभूति दा के नाम से लोकप्रिय श्री विभूति झा का एक परिचय यह है कि उन्‍होंने दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैसकांड के पीड़ितों की लड़ाई सर्वोच्च न्यायालय से अंतरिम मुआवजा पाने तक लड़ी है।