कलम मैत्री फैलोशिप 2025-27

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विकास संवाद की पहल ‘संविधान संवाद’ के अंतर्गत

(मध्‍यप्रदेश और छत्‍तीसगढ़ के पत्रकारों के लिए)

संविधान निर्माण सभा ने भारतीय संविधान की उद्देशिका में कुछ बुनियादी मूल्यों का उल्लेख किया है। ये मूल्य हैं – बंधुता, व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय और राजनीतिक न्याय, समानता। इसके साथ ही व्यवस्था को लोकतांत्रिक और समाजवादी बनाया गया है। विकास संवाद की सोच है कि इन मूल्यों का महत्व केवल सरकार या न्यायपालिका तक ही सीमित नहीं है। वस्तुतः ये निजी और सार्वजनिक जीवन के भी मूल्य हैं। संस्‍था विकास संवाद के कार्यक्रम ‘संविधान संवाद’ की पहल कलम मैत्री फैलोशिप इन मूल्यों को व्यावहारिक रूप से समझने और अभ्यास को प्रोत्साहित करने का जतन है:

यदि आप …

  • वैज्ञानिक, समावेशी और पंथ निरपेक्ष चिंतन परंपरा और संवैधानिक मूल्‍यों में भरोसा रख कर पत्रकारिता करते हैं…
  • अपनी पत्रकारिता को मूल्‍यपरक दृष्टि तथा शोधपूर्ण आधार देते हैं…
  • आप स्‍वयं मे बतौर भारतीय नागरिक आत्‍मबोध और चेतना रखते हैं…
  • आप समाधान की दिशा में कार्य करना चाहते हैं…

… तो यह फैलोशिप आपके लिए हैं। 

कलम मैत्री फैलोशिप क्‍या और क्‍यों?

विकास संवाद बीते दो दशकों से फैलोशिप कार्यक्रम संचालित कर सामूहिक प्रयासों से बेहतर समाज बनाने के अपने उद्देश्‍य की दिशा में पहल कर रहा है। हम जानते हैं कि किसी भी व्‍यक्ति की सोच, दृष्टिकोण और कार्य व्‍यवहार स्‍वयं उसे, उसके परिवार तथा आसपास के समाज को प्रभावित करता है। और यदि यह व्‍यक्ति पत्रकार या लेखक है तो उसके कार्य के प्रभाव का दायरा बहुत व्यापक होता है। उसके द्वारा लिखी गई खबरों, लेखों, व्यंग्य चित्रों, छायाचित्रों या वीडियो का प्रभाव बहुआयामी होता है।

हमने यह अनुभव किया है कि अगर एक पत्रकार के मन में विद्वेष है तो वह उनके लेखन और कार्य में जरूर झलकेगा और यह विद्वेषपूर्ण लेखन उसके पाठकों और दर्शकों को भी संक्रमित करेगा। जब पत्रकार यह सुनिश्चित करता है कि वह बंधुता, न्‍याय, समता, गरिमा जैसे मूल्‍यों का पालन करेगा तो तय है कि उसके कार्य से भी ऐसा ही भाव ही प्रसारित होगा।

कलम मैत्री फैलोशिप का भी उद्देश्य यह है कि भारतीय संविधान की उद्देशिका में उल्लेखित मूलभूत मानवीय मूल्यों; बंधुता, न्याय, समानता, गरिमा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सामाजिक, आर्थिक और सार्वजनिक जीवन में सजगता के साथ व्यवहार में लाया जाए।

यह व्यवहार तीन स्तरों पर देखा गया है: स्वयं, स्वयं का परिवार और स्वयं के सामुदायिक के दायरे में। 

कलम मैत्री फैलोशिप का मूल विचार यही है कि देश और विश्व को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए स्वयं में परिवर्तन के माध्यम से परिवार और समुदाय में परिवर्तन की यात्रा करनी होगी। और परिवर्तन का आधार है मैत्री, न्याय, व्यक्ति की स्वतंत्रता और समता के चार स्तंभों को अपनाना, उनके अनुभवों को संयोजित करना और प्रतिबद्धता के साथ उन्हें सबके सामने प्रस्तुत करना। एक व्‍यक्ति के रूप में एक पत्रकार या लेखक की सोच, दृष्टिकोण, कार्य व्‍यवहार को संवैधानिक मूल्‍यों के अनुरूप बनाना है। यही रास्‍ता सुंदर कल के निर्माण का विश्‍वसनीय रास्‍ता हो सकता है।  

कलम मैत्री फैलोशिप किनके लिए?

मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ के रायपुर, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर और एमसीबी (मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) जिलों के पत्रकार तथा लेखक इस फैलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।

जब हम पत्रकार संबोधित करते हैं जो हमारी दृष्टि संकुचित नहीं होती है बल्कि इसके दायरे में मीडिया का हर प्रति‍निधि जैसे, रिपोर्टर, सहायक संपादक, डेस्‍क प्रभारी, कैमरामेन, कार्टूनिस्‍ट, कैरीकेचर आर्टिस्‍ट, पोस्‍डकॉस्‍ट संचालक आदि शामिल होते हैं। यानी, आप कलम मैत्री फैलोशिप के उद्देश्‍यों से सहमत हैं और मीडिया व लेखन के किसी भी क्षेत्र से सम्‍बद्ध हैं तो आप आवेदन कर सकते हैं।

फैलोशिप की अवधि: 18 माह

फैलोशिप की संख्‍या: 20 फैलोशिप

10 युवा पत्रकार/लेखक (2 से 8 वर्ष का अनुभव) और 10 वरिष्‍ठ पत्रकार/लेखक (8 वर्ष से अधिक का अनुभव)  

आवेदन की अंतिम तिथि: 14 सितंबर 2025, रविवार शाम 5 बजे तक

आवेदन पूर्व ऑनलाइन मीटिंग: 6 सितंबर, 2025 शनिवार सुबह 11 बजे

मीटिंग लिंक: https://meet.google.com/yqj-waxa-ncm

मानेदय:

युवा कलमकार: 16,000 प्रतिमाह

वरिष्‍ठ कलमकार: 20,000 प्रतिमाह

योग्‍यता:

  • युवा कलमकार: 2 से 8 वर्ष तक की पत्रकारिता/लेखन का अनुभव
  • वरिष्‍ठ कलमकार: 8 से अधिक वर्ष की पत्रकारिता/लेखन का अनुभव
  • संवैधानिक मूल्‍यों के प्रति आस्‍था होना आवश्‍यक है।
  • शोधपूर्ण मैदानी कार्य करने में आवश्‍यक रूप से रूचि हो।
  • आपराधिक अतीत न हो। पूर्व में ऐसा कोई मामला हो जिसका निपटारा हो गया हो तब भी आवेदक को ऐसे हर मामले की जानकारी आवेदन के समय ही देनी होगी।
  • किसी राजनीतिक दल से सम्‍बद्धता या सक्रिय सदस्‍यता, सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने तथा राष्‍ट्र विरोधी गतिविधियों, आर्थिक अनियमितता में संलिप्‍तता नहीं होना चाहिए।
  • हमारी प्राथमिकता में अजा, जजा, महिला, ओबीसी, दिव्‍यांग, अल्‍पसंख्‍यक और स्‍वतंत्र कलमकार होंगे।
  • आपको आवेदन के साथ एक स्‍थानीय पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता या किसी प्रतिष्ठित नागरिक का संदर्भ देना है। इसके साथ यदि आप किसी स्‍थानीय/प्रादेशिक समाजसेवी संस्‍थान के साथ संबद्धता की जानकारी या संदर्भ देते हैं तो यह अतिरिक्‍त सूचना होगी। 

फैलोशिप कार्य अपेक्षाएं:

युवा कलमकार

  • 18 महीनों में छह खबरें (3 मैदानी शोध कार्य पर आधारित)
  • फैलोशिप के अनुभव तथा मैदानी कार्य पर आधारित न्यूनतम 15,000 शब्दों का शोध पत्र
  • किसी भी माध्‍यम में प्रसारित 9 प्रकाशित समाचार/कहानियों का पुनर्लेखन
  • कम से कम चार छात्रों या युवाओं के समूह के साथ जुड़ाव
  • संपूर्ण फैलोशिप पर एक अनुभव नोट; समूह गतिविधियों पर नोट

वरिष्‍ठ कलमकार:

  • 18 महीनों में नौ खबरें (5 मैदानी शोध कार्य पर आधारित)
  • फैलोशिप के अनुभव तथा मैदानी कार्य पर आधारित न्यूनतम 20,000 शब्दों का शोध पत्र
  • किसी भी माध्‍यम में प्रसारित 9 प्रकाशित समाचार कहानियों का पुनर्लेखन
  • कम से कम चार छात्रों या युवाओं के समूह के साथ जुड़ाव
  • संपूर्ण फैलोशिप पर एक अनुभव नोट; समूह गतिविधियों पर नोट

अपेक्षित परिवर्तन:

विकास संवाद का प्रयत्‍न है कि कलम मैत्री फैलोशिप सीखने-सिखाने की एकतरफा प्रक्रिया न बने और न ही यह एक कागजी या यांत्रिक कार्य बन कर रह जाए। हमारा प्रयास है कि कलम मैत्री फैलोशिप से जुड़ा हर फैलो इस यात्रा के दौरान बेहतर नागरिक और श्रेष्‍ठ कलमकार बनने की दिशा में समर्पित प्रयास करे।

इसलिए स्‍थूल कार्यों के साथ कुछ सूक्ष्‍म परिवर्तनों की कल्‍पना भी की गई। हम उम्‍मीद करते हैं कि फैलोशिप उपरांत एक फैलो का दृष्टिकोण, विचार, कार्य-व्‍यवहार और दैनिक आचरण अधिक संवैधानिक मूल्‍यपरक होगा। उसका यह परिवर्तन केवल स्‍वयं में नहीं बल्कि उसके परिवार, समाज और कार्यों में भी स्‍पष्‍ट से परिलक्षित होगा। उसका लेखन अधिक शोधपूर्ण तथा बंधुता, न्‍याय, स्‍वतंत्रता, समता, गरिमा जैसे मूल्‍यों का हिमायती होगा।

फैलोशिप चयन प्रक्रिया

विकास संवाद बीते दो दशकों से फैलोशिप कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है। इस अनुभव के आधार पर कलम मैत्री फैलोशिप की चयन प्रक्रिया और अधिक सूक्ष्‍म, व्‍यापक, गहन और सर्वसमावेशी बनाया गया है। हमारा प्रयास है कि उपयुक्‍त व्‍यक्ति ही इस यात्रा का हिस्‍सा बने इसलिए हमने चयन के पूर्व भी एक ऑनलाइन संवाद करना जरूरी समझा है ताकि कलमकार साथी वैसी ही तैयारी के साथ इस कार्य का हिस्‍सा बन सकें।

आवेदन कब और कैसे

कलम मैत्री फैलोशिप की घोषणा के उपरांत संपूर्ण मध्‍य प्रदेश तथा छत्‍तीसगढ़ के रायपुर, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर और एमसीबी (मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) जिलों के योग्‍यता पूरी करने वाले पत्रकार तथा लेखक इस फैलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवेदकों को विकास संवाद समि‍ति द्वारा तय गुगल फॉर्म में आवेदन करना होगा। इसके साथ ही अपना बायोडाटा, अनुभव को दर्शाने के लिए पूर्व में की गई पांच खबरों/आलेख की प्रति (स्‍कैन कॉपी) तथा यदि मीडिया संस्‍थान में कार्यरत हैं तो संस्‍था प्रमुख की सहमति का पत्र देना होगा। (सहमति पत्र चयन के उपरांत भी दिया जा सकता है।) आवेदन 14 सितंबर, 2025, रविवार को शाम 5 बजे तक ऑनलाइन किए जा सकेंगे।

आवेदन के लिए लिंक: कलम मैत्री फैलोशिप (2025-27) – Google Forms

आवेदन के लिए स्‍कैन करें:

ऑनलाइन परिचय संवाद

विकास संवाद टीम द्वारा तय मानक पर आवेदनों की पहली छंटनी की जाएगी। एक ऑन लाइन परिचय सत्र 6 सितंबर 2025, शनिवार को सुबह 11 बजे रखा जाएगा। इस सत्र में कलम मैत्री फैलोशिप के स्‍वरूप, कार्य प्रक्रिया, शोध अनिवार्यता आदि के बारे में बताया जाएगा।

ऑनलाइन मीटिंग लिंक: https://meet.google.com/yqj-waxa-ncm

आवेदकों से चर्चा

ऑनलाइन सत्र के उपरांत ज्‍यूरी द्वारा तय प्रतिनिधि आवेदकों से चर्चा कर उनके कार्य अनुभव, कलम मैत्री फैलोशिप के बारे में उनकी समझ, संवैधानिक मूल्‍यों के आत्‍मबोध की ललक जैसे बिंदुओं का आकलन करेगा।

ज्‍यूरी की प्रथम बैठक

ज्‍यूरी की प्रथम बैठक में आवेदकों से फोन पर हुई के आधार पर तैयार आकलन रिपोर्ट के साथ आवेदकों के अनुभव, भेजी गई खबरों आदि के आधार पर प्रथम चयन किया जाएगा।

ज्‍यूरी से प्रत्‍यक्ष चर्चा

ज्‍यूरी द्वारा तय किए गए चुनिंदा संभावित फेलो को वन टू वन के लिए अंतिम चयन बैठक में भोपाल बुलाया जाएगा। इस चर्चा उपरांत फेलो का अंतिम चयन होगा।  

यदि आप …

  • आप बेहतर भारतीय नागरिक बनना चाहते हैं…
  • संवैधानिक मूल्‍यों के आत्‍मबोध और चेतना विकास की प्रक्रिया का हिस्‍सा बनना चाहते हैं…
  • शोधपूर्ण पत्रकारिता/लेखन की 18 माह की सघन प्रक्रिया से जुड़ना चाहते हैं…
  • आप अपनी सोच, समझ और दृष्टि को विकसित करना चाहते हैं…
  • आप 18 माह देश के विभिन्‍न विशेषज्ञों से संवाद करने, उनके मार्गदर्शन में अपने कार्य को अधिक स्‍पष्‍ट, अध्‍ययनपूर्ण, शोधपरक और देशहित में बनाना चाहते हैं…
  • आप 18 माह की अवधि में सात शिविरों में शामिल हो कर अपने विकास की राह प्रशस्‍त करना चाहते हैं…

… तो हम आपका स्‍वागत करते हैं, आइए और विकास संवाद की स्‍वयं से समाज तक संवैधानिक मूल्‍यों को आत्‍मसात करने की इस यात्रा के सहयात्री बनिए।

हमारा आग्रह है कि आप इस कलम मैत्री फैलोशिप की जानकारी हर उपयुक्‍त पत्रकार/लेखक तक जरूर पहुंचाइए ताकि हम सब मिल कर अपने भारतीय नागरिक होने के बोध को विस्‍तार दे सके।

आवेदन की अंतिम तिथि: 14 सितंबर 2025, रविवार, शाम 5 बजे तक

आवेदन के लिए क्लिक करें:लम मैत्री फैलोशिप (2025-27) – Google Forms

आवेदन के लिए स्‍कैन करें:

आवेदन पूर्व ऑनलाइन मीटिंग: 6 सितंबर, 2025 शनिवार सुबह 11 बजे

मीटिंग लिंक: https://meet.google.com/yqj-waxa-ncm

हमसे संपर्क करें:

मेल आईडी: kalammaitri@vssmp.org

पंकज शुक्‍ला: 9893699941

पूजा सिंह:  9911886828

सचिन कुमार जैन: 9977704847

विकास संवाद के बारे में

विकास संवाद एक सामाजिक शोध, प्रशिक्षण और दस्तावेजीकरण समूह है। विकास संवाद वर्ष 2001 में एक परियोजना के रूप में शुरू हुआ और आज मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में अपने नवाचारी कार्यों के लिए विशिष्‍ट पहचान पा रहा है। वि‍कास संवाद की सोच व्यापक जनहि‍त से जुड़े मुद्दों को विमर्श में लाकर बदलाव की कोशि‍श करने की रही है। एक ऐसा बदलाव, जो समाज को गरीबी, शोषण, भेदभाव से बाहर नि‍कालकर सम्मान, बराबरी और न्याय के रास्ते पर खड़ा कर सके। विकास संवाद की कोशिश रहती है कि खांचों में बंध कर बदलाव की पहल न हो; बल्कि सभी विषयों को एक—दूसरे से जोड़कर ही देखा जाए और नजरिये को व्यापक बनाया जाए। बदलाव का सूत्र बाहर के बजाय भीतर से ही अंकुरित हो तो ही प्रक्रिया आगे बढ़ती है, इसलिए केंद्रीयकरण और संस्थागत नियंत्रण से बचने की कोशिश करते हैं। इसी सोच को ध्यान में रखकर यह समूह अध्ययन-विश्लेषण और सामग्री तैयार करने का काम कर रहा है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और जन माध्यमों के प्रतिनिधियों के साथ निरंतर संवाद करते रहना विकास संवाद के काम का मुख्य हिस्सा है। अपनी समझ और सीख के लिए साझेदारी में मैदानी काम भी किया जा रहा है।

हमारे काम को www.vssmp.org और www.samvidhansamvad.org वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

हमारे व्‍यवहार में यूं प्रदर्शित होते हैं संवैधानिक मूल्य:

  • अपनी बातचीत में ऐसे शब्दों और भाषा का उपयोग नहीं करना, जो किसी भी व्यक्ति, समूह या समुदाय की गरिमा को कम करते हों।
  • असहमति को सम्मान के साथ स्वीकार करना।
  • किसी व्यक्ति, विचार या समुदाय के प्रति पोर्वाग्रह से मुक्त होना।
  • समाज में बहुलता है। बहुलता को हर जगह पर देखना, समझना और स्वीकार करना।
  • सजगता होना कि धर्म, लिंग या जाति के आधार पर व्यवहार और दृष्टिकोण का निर्धारण न किया जाए।
  • परिवार के भीतर श्रम और अलग-अलग भूमिकाओं को जानना, समझना और उनमें शामिल होना। घरेलू श्रम का सजगता से सम्मान करना।
  • निजी और पारिवारिक जीवन में छुआछूत, शोषण और हिंसा को कोई स्थान न दिया जाए।
  • अपनी पेशेगत भूमिका निभाते हुए, ऐसे काम न करना, जिनसे सामाजिक-साम्प्रदायिक वैमनस्यता बढती हो। यह कौशल विकसित करना कि किसी की भी बात ‘ज्यों की त्यों’ और बिना पूर्वाग्रह के ‘सुनी’ जा सके। बात को सुनना।
  • अपने हाव-भावों, शब्दों, स्वर और दृष्टि में विनम्रता का होना।
  • अपने जीवन शैली में सहजता का होना।
  • न मैं भयभीत होऊं और न कोई मुझसे भयभीत हो।
  • मैं अपनी गरिमा का ख्याल रखूं और मैं ही दूसरों की गरिमा का भी ख्याल रखूं।
  • अपने पेशे में यह ध्यान रखना युवाओं को सकारात्मक मार्गदर्शन प्रदान किया जाए। जाति, वर्ण, सम्प्रदाय या लिंग के आधार पर कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष टिप्पणी न की जाए और दुर्भावना पूर्ण व्यवहार न किया जाए।

हमारा लक्ष्‍य

  • दृष्टिकोण में न्याय, समता और समानता
  • व्यवहार में गरिमा, करुणा और बंधुता
  • प्रक्रिया में सहभागिता और पारदर्शिता
  • कार्य में सत्यनिष्ठा और जवाबदेहिता